Our Objective
The renowned Organization of North India, ‘Sri Haihai kshatriya Jaiswal Sabha Prayag, Regd. Uttar Pradesh’ has been engaged in the pious work of social service for the last many years. Although a number of Jaiswal Societies working in the different parts of the state and the country have different names, yet all of them have the same aim, that is, to perform the task of social welfare while following the ideals and principals of KartveeryaSahasrabahu Arjun Maharaja. And with the same motive and with a firm determination, the HK Jaiswal Sabha Regd. Prayagraj has dedicated itself to different social welfare activities. The major motives of the Organisation are as under:
To perform the tasks of social welfare by following the footprints of KartveeryaSahasrabahu Arjun Maharaja.
- To improve and create unity in the Jaiswal community and to propagate education.
- To operate Jaiswal community school, college, hostel, library, dharamshala.
- To help Jaiswal community orphans and disabled persons.
- To provide loans and other types of assistance to Jaiswal community students for higher education.
- To arrange for the publication of Jaiswal community newspaper, to make its subscribers and to publish biographies of scholars and Jaiswal community and their individual success stories, etc. in it.
- Establishing Jaiswal Yuva Sangathan, Mahila wing and Seva Samiti and through them serving Jaiswal community and other people as per time.
- To organize an All-India HK Jaiswal Sabha and to organize, uplift and develop the Jaiswal community by getting its rules registered.
- To open an All-India Vidya Prachar Trust Fund and collect it, deposit it in the bank and spend it in Vidya Prachar as per the orders of Jaiswal Sabha.
- Taking donations from Jaiswal community for any special work.
- To arrange from time to time, Introduction Functions (Parichay Sammelan) for the benefit of marriageable Jaiswal young girls and boys.
- To organize Parivar Milan (Family Get-together) functions in order to encourage the old tradition of joint families.
- To help the poor people and to get the poor girls married.
- As part of social service, to publish free Business telephone directories.
- To arrange special campaigns against social evils like Dowry System.
- To organize public awareness campaigns for removing untouchability, superstitions and other such social evils.
- To organize free camps and seminars for the benefit of poor people who are suffering from various diseases.
- To celebrate the Anniversary of KartveeryaSahasrabahu Arjun Maharaja every year with pomp and show, and to organize various functions on this occasion.
- To celebrate various national festivals.
- To celebrate the anniversaries of various great men with zeal.
- To distribute food, fruits etc among the poor people at the time of various anniversaries and to organize community meals on such occasions.
- To organize various seminars and competitions in order to encourage female education and the intellectual and educational capabilities of people.
उत्तर भारत की प्रसिद्ध संस्था श्री हैहय क्षत्रिय जायसवाल सभा प्रयाग रजि. 'उत्तर प्रदेश' पिछले कई वर्षों से समाज सेवा के पवित्र कार्य में लगा हुआ है। हालाँकि देश और राज्य के विभिन्न हिस्सों में काम करने वाले विभिन्न जायसवाल समाजों के अलग-अलग नाम हैं, फिर भी उन सभी का उद्देश्य एक ही है, यानी कार्तवीर्य सहस्रबाहु अर्जुन के आदर्शों और सिद्धांतों पर चलकर समाज के कल्याण के लिए काम करना। भगवान और इसी उद्देश्य और संकल्प के साथ, एच के जायसवाल सभा प्रयाग, रजि. प्रयागराज ने स्वयं को विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए समर्पित कर दिया है। संगठन के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:
कार्तवीर्य सहस्रबाहु अर्जुन भगवान के पदचिन्हों पर चलकर समाज के कल्याण के लिए कार्य करना।
- जायसवाल समाज में सुधार एवं एकता पैदा करना एवं शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना।
- जायसवाल समाज के विद्यालय, महाविद्यालय, छात्रावास, पुस्तकालय, धर्मशाला का संचालन करना।
- जायसवाल समाज के अनाथ एवं विकलांग व्यक्तियों की सहायता करना।
- जायसवाल समाज के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु ऋण एवं अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करना।
- जायसवाल समाज के समाचार पत्र के प्रकाशन की व्यवस्था करना, उसके ग्राहक बनाना तथा उसमें जायसवाल समाज के विद्वानों की जीवनियाँ तथा उनकी व्यक्तिगत सफलता की कहानियाँ आदि प्रकाशित करना।
- जायसवाल युवा संगठन, महिला विंग एवं सेवा समिति की स्थापना करना एवं उनके माध्यम से समय-समय पर जायसवाल समाज एवं अन्य लोगों की सेवा करना।
- अखिल भारतीय एच.के.जायसवाल सभा का गठन कर उसके नियमों एवं विनियमों को पंजीकृत कर जायसवाल समाज को संगठित, उत्थान एवं विकास करना।
- अखिल भारतीय शिक्षा प्रचार न्यास निधि खोलना, उसे एकत्रित करना, बैंक में जमा करना तथा जायसवाल सभा के आदेशानुसार शिक्षा प्रचार पर खर्च करना।
- किसी विशेष कार्य के लिए जायसवाल समाज से दान लेना।
- विवाह योग्य आयु के युवक-युवतियों के लाभ हेतु समय-समय पर परिचय सम्मेलन का आयोजन करना।
- संयुक्त परिवारों की पुरानी परंपरा को प्रोत्साहित करने के लिए पारिवारिक पुनर्मिलन का आयोजन करना।
- गरीब लोगों की मदद करना और गरीब लड़कियों की शादी कराना।
- समाज सेवा के एक भाग के रूप में, निःशुल्क वाणिज्यिक टेलीफोन निर्देशिकाएँ प्रकाशित करना।
- दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाना।
- छुआछूत, अंधविश्वास तथा ऐसी अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाना।
- विभिन्न बीमारियों से पीड़ित गरीब लोगों के लिए निःशुल्क शिविर और सेमिनार आयोजित करना।
- सहस्त्रबाहु अर्जुन भगवान की जयंती हर वर्ष धूमधाम से मनाना और इस अवसर पर विभिन्न समारोहों का आयोजन करना।
- विभिन्न राष्ट्रीय त्यौहार मनाना।
- विभिन्न महापुरुषों की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
- विभिन्न वर्षगाँठों के अवसर पर गरीब लोगों में भोजन, फल आदि वितरित करना तथा ऐसे अवसरों पर सामुदायिक भोजन का आयोजन करना।
- महिला शिक्षा तथा लोगों की बौद्धिक एवं शैक्षिक क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सेमिनारों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।